सिल्क आई सर्जरी: इसके फायदे और प्रक्रिया

आंखें शरीर का सबसे जरूरी अंग हैं। इसलिए इनकी सेहत का ख्‍याल हमें खुद रखना होगा। आजकल मोबाइल, टीवी और लैपटॉप पर घंटों बिताने से आंखों पर जोर पड़ रहा है, जिससे नजर कमजोर होने लगी है। दृष्टि से संबंधित इस समस्या का इलाज वैसे तो चश्मा और कॉन्‍टेक्‍ट लैंस का इस्‍तेमाल करके होता है, लेकिन आजकल सिल्‍क आई सर्जरी (SILK Eye Surgery) काफी पॉपुलर हो रही है।

NCBI पर छपी एक स्टडी (Ref) के अनुसार, सिल्क आई सर्जरी में सैकंड जनरेशन फेम्टोसेकेंड लेज़र तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसका टारगेट कॉर्निया को सटीक और दोबारा नया आकार देना है। इसमें अन्‍य उपचारों की तरह चीरे या टाके की जरूरत नहीं पड़ती।

नई जमाने की यह प्रक्रिया काफी सुरक्षित और टिकाऊ है। इस सर्जरी के बाद आप अपने चश्मे या कॉन्टेक्ट लेंस से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। यहां हमने सिल्क आई सर्जरी से जुड़ी सामान्य जानकारी दी है। अगर आप इस तकनीक के जरिए आंखों का इलाज कराना चाहते हैं, तो संबंधित डॉक्‍टर से पूरी जानकारी हासिल करें।

सिल्‍क आई सर्जरी की प्रक्रिया

इसमें सर्जन मरीज की आंखें टेस्‍ट करता है। जरूरत पड़ने पर रोगी को सुन्न करने वाली आई ड्रॉप दी जाती है, फिर फेमटोसेकंड लेजर का उपयोग कॉर्निया में एक छोटा चीरा लगाने के लिए किया जाता है, जिसके बाद लेंटीकुल बनाया और निकाला जाता है। एक-एक आंख का लेजर टाइम सिर्फ 10-15 सेकंड है और पूरे प्रोसेस में 5 मिनट लगते हैं।

सर्जरी से पहले और बाद में ध्‍यान रखें ये बातें

सर्जरी से पहले डॉक्‍टर कॉन्टैक्ट लेंस से परहेज करने और सर्जरी के दिन मेकअप और इत्र से परहेज करने की सलाह देता है। सर्जरी के बाद, रोगियों को कुछ घंटों तक आराम करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान उन्हें हल्की असुविधा का अनुभव हो सकता है।

सिल्‍क आई सर्जरी करा सकता है और कौन नहीं

इस सर्जरी के लिए कम से कम आयु 22 वर्ष होनी चाहिए। क्योंकि इस उम्र के आसपास दृष्टि स्थिर हो जाती है। यह प्रक्रिया मायोपिया से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद है। डायबिटीज के मरीज को यह सर्जरी नहीं करानी चाहिए। गर्भवती या स्तनपान कराने वाले महिलाओं को सर्जरी टालने की सलाह दी जाती है।

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सिल्‍क आई सर्जरी के लिए कैसे तैयार हों

सबसे पहले आई टेस्ट कराएं। अपनी मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर को बताएं। यह सर्जरी की योजना बनाने के लिए जरूरी है। इसके बाद डॉक्टर सर्जरी से कुछ घंटों पहले खाने या पीने की मनाही कर सकता है।

सिल्‍क आई सर्जरी के फायदे

इस प्रक्रिया की मदद से मरीज 24 घंटे के भीतर ठीक हो जाते हैं। सिल्क आई सर्जरी उन जटिलताओं के जोखिम को कम करती है, जो पारंपरिक आई सर्जरी से जुड़ी होती हैं। इसके अलावा सर्जरी के बाद चश्‍मे या कॉन्‍टेक्‍ट लेंस पहनने की जरूरत नहीं पड़ती।

India Edge News Desk

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